आरति कीजै राजा रामचन्द्र जी की

Dear Everyone,
Regards !
Many of us since our childhood Participate in Pooja Ceremonies and Pooja of God Stayanarayana is very auspicious to us. I have tried to compile the AARATI of this Pooja in order to save it from extinction.
Please read the lyrics and suggest if you think I am missing something.

Thanks !

Raman Kumar Singh


श्री रामचन्द्र जी की आरती
आरति कीजै राजा रामचन्द्र जी की,
 हरिहर भक्ति करो ,
संतन सुख दी जय हो । -२
पहिले आरति, पुष्प की माला ,-
पुष्प की माला हरिहर पुष्प की माला ,
काली नाग नाथ लाये हरिहर मदन गोपाला हो ,
मदन गोपाला, हरिहर मदन गोपाला हो ।
दूसरे आरति, देवकी नन्दन ,
देवकी नन्दन हरिहर देवकी नन्दन,
भक्त उबारी  प्रभु असुर निकंदन हो ,
आरति कीजै राजा रामचन्द्र जी की,
 हरिहर भक्ति करो ,
संतन सुख दी जय हो ।
तीसर आरति, त्रिभूबन मोहे ,
त्रिभूबन मोहे, हरिहर त्रिभूबन मोहे,
गरुड़ सिहाशन राजा राम जी की सोहे हो ,
आरति कीजै राजा रामचन्द्र जी की,
 हरिहर भक्ति करो ,
संतन सुख दी जय हो ।
चौथी आरति, चहुंजुग पूजा,
चहुंजुग पूजा, हरिहर चहुंजुग पूजा,
देव निरंजन प्रभु और न दूजा हो ।
आरति कीजै श्री रामचन्द्र जी की,
 हरिहर भक्ति करो ,
संतन सुख दी जय हो ।
पंचम आरति  रामजी के भावे ,
रामजी को भावे हरिहर रामजी को भावे ,
राम नाम परम पद पावे हो ।
आरति कीजै राजा रामचन्द्र जी की,
 हरिहर भक्ति करो ,
संतन सुख दी जय हो ।
षस्टम आरति  लक्ष्मण भ्राता ,-
लक्ष्मण भ्राता हरिहर लक्ष्मण भ्राता,
आरति करत कौशलूया माता हो ,
आरति कीजै राजा रामचन्द्र जी की,
 हरिहर भक्ति करो ,
संतन सुख दी जय हो ।
सप्तम आरति  कीजो ऐसो,
कीजो ऐसो हरिहर कीजो ऐसो
ध्रुव, प्रहलाद, विभीषण,जैसो हो ,
आरति कीजै राजा रामचन्द्र जी की,
 हरिहर भक्ति करो ,
संतन सुख दी जय हो ।
अस्टम आरति  लंका सीधारो,
लंका सीधारो हरिहर लंका सीधारो
रावण मारी विभीषण तारे हो ,
आरति कीजै राजा रामचन्द्र जी की,
 हरिहर भक्ति करो ,
संतन सुख दी जय हो ।
तुलसी के पत्र कंठमल हीरा,-
कंठमल हीरा हरिहर कंठमल हीरा,
हरसि हुलसी  गावे प्रभु दस कबीरा हो
आरति कीजै श्री रामचन्द्र जी की,
 हरिहर भक्ति करो ,
संतन सुख दी जय हो ।
अवधपुरी मे बजत बधाई ,-
बजत बधाई हरिहर बजत बधाई,
तुलसीदास  प्रभु आरती गाई हो ।
आरति कीजै राजा रामचन्द्र जी की,
 हरिहर भक्ति करो ,
संतन सुख दी जय हो ।
जो राजा राम जी की आरति गावे ,
बसे वैकुंठ परम पद पावे हो ।








Comments

  1. Thanku very much for sharing this aarti

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  2. बहुत सुंदर

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  3. कंचन थाल कपुर के बाती, जगमग ज्योति जलै सारी राती , आरती कीजे ‌‌‌‌‌‌‌।‌। सिंघासन बैठे रघुराई, बैठे रघुराई बैठे रघुराई । तुलसी दास प्रभु कीरती गाई , आरती कीजे राजा राम चन्द्र जी के

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  4. यह आरती तो गांव में कुलदेवता के पूजन के समय गायी जाती थी। बहुत अच्छा लगा।
    यह किनके द्वारा लिखी गयी है? विभीषण आदि भक्तों का नाम तो है पर श्री हनुमान जी का नाम नहीं है इसलिए थोड़ी अधूरी लगती है।

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  5. मेरे समझ से शब्दों कि कुछ कमी है अंतिम पंक्ति नहीं है इसमें

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  6. Bhai aap par bhagawan me kripa bani rahe 🙏🙏🙏

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  7. Ye ati uttam aarti bachpan se sunte hue bade hue Aaj sloke me dekh kar mann prasann ho gaya

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  8. Es aarti me 6 laine kam h


    8 Astam aarti pampapur dhawe bali mare sugriw u are

    10 aarti dso abtara hirnykus ke rudr abtara

    11 rudr mhadev gawe
    Bsa chade siwa damru bjaye

    Ratan sihasn bete ragurayi
    Tulsi das parvu aarti gaye

    Raja ram lakhan bedahi
    Bhart strudn parm snehi

    Kanchan thar Kapur ke bati
    Aarti karta h anjna mayi


    Mukesh Pandit


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  9. उत्तम अति उत्तम🙏

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  10. God bless you
    Sataynarayan sawami Ki jai

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